रुद्रपुर:पिता-पुत्र हत्या के मामले में छठा आरोपी हरदीप गिरफ्तार,मामले में पांचों सलूजा बंधुओं को पुलिस पहले ही भेज चुकी है कारागार

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रुद्रपुर में बीते रविवार की देर रात लगभग 2:00 बजे के आसपास शहर के मुख्य बाजार में स्थित गल्ला मंडी में दुकान के विवाद में पिता-पुत्र की गोली मारकर निर्मम हत्या करने के मामले में आज पुलिस ने हत्याकांड के छठे आरोपी 55 वर्षीय रामपुर निवासी हरदीप लाडी को भी केलाखेड़ा क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है,इसके अलावा पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त के निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त.32 बोर की पिस्तौल और कारतूस भी बरामद कर लिए हैं…हम आपको बता दें कि इस पूरे हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी अवधेश सलूजा,दिनेश सलूजा,हेमंत सलूजा, चरणजीत सलूजा,हरीश सलूजा पुत्र सुंदरदास सलूजा और विशाल आनंद पुत्र आनंद कुमार को गिरफ्तार कर पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है…

हम आपको बता दें कि इस जघन्य हत्याकांड में बीते रविवार को देर रात 62 वर्षीय गुरमेज सिंह और 26 वर्षीय उनके बेटे मनप्रीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी…बताया जा रहा है कि ईश्वर कॉलोनी निवासी गुरमेज सिंह ने पांच साल पहले मॉडल कॉलोनी निवासी अवधेश सलूजा और उनके भाई दिनेश सलूजा से गल्ला मंडी में किराए में पर उनकी दुकान ली थी…इस बीच आर्थिक तंगी के कारण अवधेश सलूजा ने दुकान लगभग 50 लाख रुपये के लोन के एवज में बैंक में गिरवी रख दी थी,जिसे बाद वो दुकान को छुड़वा नहीं पाए…यहीं से शुरू होती है पूरी कहानी,बताया जा रहा है कि मृतक गुरमेज सिंह ने बाद में ग्रामीण बैंक के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों से मिली भगत कर अवधेश सलूजा की लगभग 2 से 3 करोड रुपए के बाजार मूल्य की दुकान केवल 48 लाख की नीलामी में वर्ष 2024 में खरीद ली थी,जिसके बाद से अवधेश सलूजा और गुरमेज सिंह के बीच रंजिश शुरू हो गई थी…

दरअसल सूत्रों के अनुसार जिस दुकान को गुरमेज ने 48 लाख रुपए में खरीदा था उस दुकान की कीमत वर्तमान समय में करोड़ों में थी और तो और दुकान से लगते हुए नजूल के एक बड़े भूखंड पर भी बीते कई वर्षों से सलूजा बंधुओं का ही कब्जा था,जिसकी वर्तमान कीमत लगभग 8 करोड रुपए बताई जा रही है और दोनों संपत्ति का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 12 करोड रुपए था… उधर विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार सलूजा ने गुरमेज को अपनी दुकान वापस देने के लिए 48 लाख के अलावा 20 से 25 लाख रुपए अतिरिक्त देने की बात करते हुए दुकान को वापस देने के लिए कई बार बात की पर बात नहीं बनी…बताया यह भी जा रहा है कि सलूजा काफी लंबे समय से अपनी दुकान और दुकान से लगाती हुई नजूल की भूमि को बेचने के लिए शहर के बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के संपर्क में थे पर बात नहीं बन पा रही थी और ऊपर से सलूजा बंधुओं के हाथ से दुकान भी निकल गई थी,जिसको वापस पाने के लिए उन्होंने कोर्ट की शरण भी ली पर कोर्ट से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी…


इसके बाद दुकान पर कब्जा करने के लिए अवधेश सलूजा ने अपने अन्य भाइयों और स्थानीय बदमाशों के साथ मिलकर एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत दुकान पर कब्जा करने के लिए रविवार की रात को मौके पर जेसीबी लेकर लगभग एक दर्जन लोगों के साथ पहुंच गए थे…इस दौरान सूचना मिलने के कुछ देर बाद मौके पर गुरमेज सिंह अपने बेटे मनप्रीत सिंह के साथ भी पहुंच गए और जेसीबी द्वारा दुकान तोड़े जाने का विरोध करने लगे,जिसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने पिता पुत्र पर गोली चला दी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई…उधर इस हत्याकांड के आरोपी दिनेश सलूजा ने रविवार देर रात हुई वारदात के बाद नाटकीय ढंग से अपने पैर में गोली लगने की बात कहते हुए रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती भी हो गए पर उनकी भी एक न चली और पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया… फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस अब तक पांचों सलूजा बंधुओं सहित 7 लोगों को पिता-पुत्र हत्याकांड के मामले में जेल भेज चुकी है…बहरहाल इस हत्याकांड के दो अन्य आरोपी सन्नी मांगट और सागर हुडिया की गिरफ्तारी के लिए पुलिस फिलहाल कई स्थानों पर दबिश दे रही है।