राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री,वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं किच्छा के कांग्रेसी विधायक तिलक राज बेहड़ की नाक का सवाल बनी जिला पंचायत की कुरैया सीट पर हमेशा की तरह इस बार भी कांग्रेस और भाजपा समर्थित प्रत्याशी के बीच ही मुख्य रूप से चुनावी जंग हो रही है…दरअसल राज्य गठन के बाद से ही कुरैया सीट पर भाजपा और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों के बीच ही चुनावी जंग होती रही है,जिसमें से अब तक के सभी पंचायत चुनावों में से केवल एक बार ही भाजपा समर्थित प्रत्याशी स्वर्गीय उर्मिला रानी चुघ ने इस सीट से जीत दर्ज की थी…लिहाजा कांग्रेस पार्टी इस सीट को अपनी पारंपरिक सीट मानती रही है और बीते 10 सालों से भी इस सीट पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी का ही कब्जा रहा है …
हम आपको बता दें कि जहां एक तरफ जिला पंचायत की कुरैया सीट पर तिलक राज बेहड़ एक बार फिर अपने दबदबे का एहसास कराते हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार की आश्रित,जिला बार एसोसिएशन के सचिव एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सर्वेश सिंह की पत्नी सुनीता सिंह को कांग्रेस का समर्थित प्रत्याशी घोषित करवाया है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने इस बार इस सीट से कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले उपेंद्रर चौधरी की पत्नी कोमल चौधरी को अपना समर्थित प्रत्याशी घोषित किया है…कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सुनीता सिंह को इस पंचायत चुनाव में जहां कलम दवात का चुनाव चिन्ह मिला है,वहीं दूसरी तरफ कोमल चौधरी को उगता हुआ सूरज चुनाव चिन्ह मिला है …
उधर विधायक तिलक राज बेहड़ का यह कहना है कि जिस तरह से भाजपा ने ग्रामीण क्षेत्र में शहरी क्षेत्र से पैराशूट कैंडिडेट को अपना प्रत्याशी बनाया है,उससे अब यह तय हो गया है कि कांग्रेस प्रत्याशी कलम दवात के माध्यम से एक बार फिर कुरैया सीट पर जीत की इबादत लिखेगी…13 ग्राम सभाओं वाली जिला पंचायत कुरैया सीट पर जीत और हार के लिहाज से मुस्लिम वोटर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं,क्योंकि राजनीति के जानकारों की माने तो इस सीट पर लगभग 29000 मतदाता है, जिनमें लगभग 6 से 7 हजार मुस्लिम मतदाता भी हैं…जिसे कांग्रेस पार्टी अपना कैडर वोट बैंक मानकर चलती है,हालांकि इस सीट पर निर्दलीय मुस्लिम प्रत्याशी फरहा भी मैदान में है…
कुरैया सीट पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए चौमासा की इस भीषण गर्मी में जहां नैनीताल के सांसद अजय भट्ट,भाजपा विधायक शिव अरोड़ा,किच्छा पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश शुक्ला,मंडी समिति किच्छा के पूर्व अध्यक्ष कमलेंद्र सेमवाल और भारत भूषण चुग सहित भाजपा के कई दिग्गज नेता पसीना बहाते हुए चुनाव प्रचार में लगे हुए थे…वहीं दूसरी तरफ इस सीट पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को जीत की हैट्रिक दिलवाने के लिए दिग्गज कांग्रेसी नेता तिलक राज बेहड़, मीना शर्मा और पूर्व ब्लाक प्रमुख अरुण उर्फ किन्नू शुक्ला सहित कई कांग्रेसी दिग्गज जुटे हुए थे…
उधर राजनीति के जानकारों की माने तो इस सीट पर बेहद सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार में जुटे कांग्रेसी विधायक बेहड़ के खिलाफ उनके बेटे की उम्र के रुद्रपुर मेयर विकास शर्मा द्वारा अति उत्साह में की गई टीका टिप्पणी से भी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को इसका चुनावी लाभ मिलेगा और इस मामले को बेहड़ ने भी बिना आक्रामक रुख अपनाए एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया है… हालांकि इस सीट पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता भीतरघात भी कर रहे हैं…राजनीतिक पंडितों का यह भी मानना है कि चूंकि कुरैया सीट राज्य गठन के बाद से अब तक केवल एक बार भाजपा समर्थित प्रत्याशी स्वर्गीय उर्मिला रानी चुघ को छोड़कर हमेशा कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी ने ही जीत हासिल की है…
लिहाजा इस बार भी इस सीट से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी की स्थिति मजबूत बताई जा रही है,इसके अलावा इस सीट पर खड़े प्रत्याशियों की व्यक्तिगत पॉलीटिकल प्रोफाइल का असर भी चुनाव पर जरुर पड़ेगा…जिले की इस हॉट सीट पर मुस्लिम बहुल ग्राम सभा दरऊ के मतदाताओं की वोटिंग भी प्रत्याशियों की जीत हार तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी…हालांकि दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी इस सीट से अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं पर इतना तो तय है कि मतदाताओं का वोट रूपी ऊंट जिस करवट बैठेगा उस प्रत्याशी की चुनाव में लॉटरी खुलेगी… बहरहाल अब देखना यह होगा कि कुरैया सीट पर 10 साल बाद कमल खेलेगा या कांग्रेस लगाएगी जीत की हैट्रिक,उगेगा सूरज या फिर कलम दवात लिखेगी जीत की इबादत ?