बीते बृहस्पतिवार यानी 4 दिसंबर को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं तराई क्षेत्र के संस्थापक पंडित राम सुमेर शुक्ल की पुण्यतिथि के अवसर पर रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह साफ कहा कि राजेश शुक्ला जन्मजात नेता और एक प्रखर वक्ता भी है…CM धामी ने यह भी साफ कहा कि राजेश शुक्ला को ये प्रतिभा उनके पिता पंडित राम सुमेर शुक्ला से ही विरासत में प्राप्त हुई है…
दरअसल बीते 4 दिसंबर को सीएम धामी ने पंडित राम सुमेर शुक्ल की 47वीं पुण्यतिथि के अवसर पर रुद्रपुर राजकीय मेडिकल कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में पंडित राम सुमेर शुक्ल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ उनके जीवन परिचय पर आधारित शिलापट्ट का अनावरण भी किया …पंडित राम सुमेर शुक्ल मेडिकल कॉलेज में आयोजित हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सामाजिक,आर्थिक,धार्मिक और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 11 लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया था…

कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने यह साफ कहा कि पंडित राम सुमेर शुक्ल राष्ट्रभक्ति,त्याग और समर्पण के प्रतीक थे,जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश समाज और किसानों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया…कार्यक्रम की समाप्ति के बाद CM धामी राजेश शुक्ला के आवास पर पहुंचे और उनकी माता का आशीर्वाद लेने के बाद CM ने लिट्टी चोखा का आनंद भी लिया…

दरअसल वर्ष 2012 में किच्छा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे थे,CM धामी के सुख-दुख के साथी शुक्ला का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बड़ा ही पुराना पारिवारिक नाता है और अक्सर जिले में अपनी जनसभाओं में संबोधन के दौरान भी CM धामी शुक्ला के राजनीतिक कद का एहसास उनके राजनीतिक विरोधियों को कराते रहते हैं…

हालांकि लगातार 10 सालों तक बतौर विधायक किच्छा विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले राजेश शुक्ला दुर्भाग्य से वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए थे पर बावजूद इसके जितना काम उनके द्वारा किच्छा विधानसभा में अब तक किया गया है उतना काम अभी तक किसी भी राजनेता द्वारा नहीं किया गया…

एक दौर था जब बतौर विधायक राजेश शुक्ला विधानसभा में संबोधन के लिए जब खड़े होते थे तो अन्य विधायक उन्हें लंबी रेस के घोड़े की संज्ञा देते थे और एक प्रखर वक्ता होने के नाते शुक्ला सदन में किच्छा विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ राज्य की समस्याओं को भी बहुत ही मजबूती के साथ उठाने का काम करते थे…यही कारण है कि वर्तमान समय में मुख्यमंत्री को विधानसभा में शुक्ला जैसे प्रखर वक्ता की कमी भी खलती है और कहते हैं ना दिल की बात जुबां पर आ ही जाती है…

(राजेश शुक्ला,वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व BJP विधायक,किच्छा)
पंडित राम सुमेर शुक्ल की पुण्यतिथि के अवसर पर हुआ भी यही,जहां मुख्यमंत्री ने मंच से अपने संबोधन के दौरान यह साफ कहा कि राजेश शुक्ला जन्मजात नेता है क्योंकि जन्म से ही उन्हें उनके पिता पंडित राम सुमेर शुक्ल से राजनीति का ज्ञान विरासत के तौर पर प्राप्त हुआ साथ ही CM ने यह भी कहा कि उनका जन्म एक सैनिक परिवार में हुआ इसलिए वो पहले संबोधन के दौरान हिचकिचाते थे पर शुक्ला विधानसभा में एक प्रखर वक्ता के तौर पर अपनी बातों को सदन के पटल पर रखते थे…

बहरहाल एक बार फिर जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सार्वजनिक मंच से राजेश शुक्ला के राजनीतिक कद की जमकर प्रशंसा की है उसकी चर्चा अब जिले के राजनीतिक गलियारों में भी खूब हो रही है।

