रुद्रपुर:अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने 10 साल के मासूम बच्चे की बर्बरता से कर दी पिटाई, बिलखते मासूम पर नहीं आया तरस…बेरहमी से पिटाई के बाद दहशत और सदमे में है डरा-सहमा बच्चा

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रुद्रपुर के सिटी 1 एलाइंस कॉलोनी में बीते एक दिन पूर्व एक 8 साल की बच्ची के साथ खेल रहे 10 साल के बच्चे से छोटी सी बात को लेकर बच्चों वाली कहा सुनी हो गई,जिसके बाद बच्ची ने अपने अधेड़ उम्र के पिता को इसकी शिकायत की और मौके पर पहुंचे अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने 10 साल के बच्चे की इतनी बेरहमी से पिटाई कर दी कि बच्चा बेहोशी की हालत में पहुंच गया… अधेड़ उम्र के आदमी ने बच्चों को घुसा मार-मार कर उसके मुंह और आंख को सूजा दिया,इसके बाद बच्चे की मां उसे लेकर डॉक्टर के पास गई और ट्रीटमेंट के बाद कानूनी कार्रवाई करने के उद्देश्य से बच्चे का मेडिकल बनवाकर उसे घर ले आई…इस वारदात के बाद बच्चे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है,बच्चा दहशत और सदमे के कारण डरा सहमा हुआ है…

बर्बरता से पिटाई के कारण बच्चों की आंख के आसपास काफी चोट आई है और बच्चे के चेहरे पर हमलावर व्यक्ति के हाथों के निशान भी छप गए हैं…हम आपको बता दें कि इस 10 वर्षीय बच्चे के पिता शहर से दूर रहकर काम करते हैं और बच्चे का पालन पोषण उसकी मां ही करती है,बच्चे की पिटाई करने वाले व्यक्ति का नाम अंकुर राय बताया जा रहा है…इस वारदात के बाद घायल बच्चे की मां पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाना चाहती थी पर अकेले अपने बच्चों का पालन पोषण करने वाली मां पर कॉलोनी के लोगों ने अनावश्यक दबाव बनाकर केवल आरोपी व्यक्ति से माफी मांग कर इस पूरे मामले का पटाक्षेप करवा दिया…

अब जरा सोचिए कि उस बच्चे पर क्या बीत रही होगी,जिसे इतनी बुरी तरह से पीटा गया है ? क्या ऐसे व्यक्ति को माफ कर देना चाहिए,जिस व्यक्ति ने 10 साल के बच्चे को बड़ी बेरहमी और बर्बरता से घूसा मार-मार उसका यह हाल कर दिया है ? …बहरहाल बाल अपराध से जुड़े इस पूरे मामले में पुलिस को हस्तक्षेप कर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ निश्चित तौर पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसे लोग जो बच्चों पर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर उनके बचपन को बेरहमी से रौंदने काम करते हैं उनको पुलिसिया भाषा में सबक जरूर मिल सके…हमारा सवाल बच्चों को पीटने वाले उसे बेरहम व्यक्ति से है कि अगर उसकी 8 वर्षीय बच्ची के साथ पीड़ित बच्चे के पिता ने इस तरह की हरकत की होती तो क्या वो उस व्यक्ति को माफ कर देते ?

बरहाल इस पूरे मामले में पुलिस और बाल संरक्षण आयोग को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि सभ्य समाज में ऐसी घटना निश्चित तौर पर माफी योग्य नहीं है…अगर बाल अपराध से जुड़े ऐसे गंभीर मामले को केवल माफी मांग कर निपटा दिया जाएगा तो वो इंसानियत और सिस्टम के मुंह पर भी एक कारारा तमाचा होगा…लिहाजा SSP मणिकांत मिश्रा से हमारी भी गुजारिश है कि इस पूरे मामले का संज्ञान लें और आरोपी व्यक्ति के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर समाज में एक नजीर पेश करें।