जी हां,धामी सरकार के 3 वर्ष के सफल कार्यकाल को लेकर आज रुद्रपुर में आयोजित हुए एक बड़े कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के रुद्रपुर आगमन को लेकर नगर निगम क्षेत्र के चारों तरफ सैकड़ो की संख्या में बड़ी-बड़ी होर्डिंग और बैनर लगाए गए थे, जिनमें प्रमुख रूप से एक तरफ मुख्यमंत्री तो दूसरी तरफ नव निर्वाचित मेयर विकास शर्मा की बड़ी-बड़ी फोटो लगी हुई थी… हालांकि ज्यादातर बड़े-बड़े होर्डिंग में मेयर के साथ-साथ स्थानीय विधायक और स्थानीय संसद की भी फोटो लगी थी मगर मेयर की तुलना में आधे आकार की…
हम आपको बता दें कि बीते निकाय चुनाव में नगला नगर पालिका में अध्यक्ष पद के प्रत्याशी एवं अपने भतीजे सचिन शुक्ला को छोड़कर मतदान के दिन सुबह से शाम तक रुद्रपुर नगर निगम के रम्पुरा क्षेत्र में तैनात रहने वाले पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश शुक्ला,बंगाली समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले दर्जा राज्य मंत्री उत्तम दत्ता और पूर्व मेयर रामपाल सिंह को तो किसी भी बैनर और होर्डिंग में स्थान तक नहीं दिया गया…हालांकि आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अस्वस्थ चल रहे उत्तम दत्ता के आवास पर उनका हाल-चाल जानने जरूर पहुंचे थे…
(दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री उत्तम दत्ता से मिलने उनके घर पहुंचे CM धामी)
अगर यह मान लिया जाए कि कार्यक्रम सरकारी था तो भी यह सवाल उठना भी लाजमी है कि जब सरकारी कार्यक्रम के विज्ञापन में जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष के फोटो को स्थान दिया जा सकता है तो विकास शर्मा की जीत का मार्ग प्रशस्त करने वाले वरिष्ठ भाजपा नेताओं की फोटो को स्थान क्यों नहीं दिया गया ? इस बात को लेकर आज चर्चाओं का बाजार भी गर्म था…उधर सूत्रों के अनुसार आज के कार्यक्रम में नवनिर्वाचित मेयर की किसी बात को लेकर जिले के एक आला अधिकारी से भी तीखी बहस हो गई लिहाजा आज के कार्यक्रम में मेयर के बदले हुए रूप की चर्चा और कानाफूसी करते हुए लोग ज्यादा नजर आए…
दरअसल राजनीति में किसी भी सफल नेता को अपनी पावर को पचाना तो आना ही चाहिए क्योंकि अगर नेताजी को जनता जनार्दन के आशीर्वाद से मिलने वाली पावर को अगर वो पचा नहीं पाए तो भविष्य में उनके राजनीतिक स्वास्थ्य पर इसका खराब असर पड़ना लजमी है है…देव तुल्य जनता के अमूल्य वोट से जीत हासिल करने के बाद लग्जरी वाहनों में घूमने वाले नेताओं को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि आखिरकार उनको इस स्थान पर पहुंचाने में जनता का ही हाथ है…जनाब ये वो वही जनता है जिनके आशीर्वाद से नेता ‘फर्श से अर्श तक’ तक पहुंच जाते हैं और अगर इनकी नजरे इनायत नहीं रही तो अर्थ से फर्श पर आने में भी ज्यादा समय नहीं लगता ।