देहरादून:तो क्या उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही से निर्धारित समय पर आयुष छात्रों की परीक्षा और परीक्षा परिणाम घोषित करवाने में हो रहा अत्यधिक विलंब ?

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उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविधालय से संबद्ध आयुर्वेदिक,यूनानी और होम्योपैथिक के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्यनरत आयुष छात्रों की निर्धारित समय पर परीक्षा न होने और परीक्षा परिणाम देर से घोषित होने के कारण छात्रों के भविष्य पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं और तो और जो छात्र-छात्राएं पास होकर अपने संबद्ध कॉलेजों से निकल चुके हैं उनका वेरिफिकेशन भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है…इसके लिए छात्रों ने विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार राम जी शरण पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीते दिनों आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय हर्रावाला के रजिस्ट्रार कार्यालय में जमकर हंगामा भी काटा था…अब जरा देखिए कि राज्य के एकमात्र चंदोला होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अजय विश्वकर्मा ने इस पूरे मामले को लेकर कुलपति को छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर करते हुए किस प्रकार का पत्र लिखकर छात्रों के भविष्य के प्रति चिंता जाहिर की है….

महोदय,उपरोक्त विषयक निवेदन करना है कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 के छात्रों-छात्राओं द्वारा अपनी तृतीय वर्ष की परीक्षाएं अप्रैल 2024 को दे दी थीं,किन्तु अधतन तिथि तक उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविधालय द्वारा परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं जिसके सम्बन्ध में आप श्रीमान जी को राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के पत्रांक सं 3-5/2023/NCH/HEB-AYUSH/UG-Admn./8858, दिनाँक 03/02/2025 तथा पत्रांक संख्या 3- 5/2023/NCH/ HEB-AYUSH/UG-Admn./10616,दिनाँक 26/03/2025 द्वारा भी निर्देशित किया जा चुका है कि परीक्षाओं से सम्बंधित सम्पूर्ण कार्य विश्वविधालय के अंतर्गत आता है। परीक्षा परिणाम की घोषणा में हो रहे अत्यधिक विलंब के कारण छात्रों के भविष्य पर अंधकार छा गया है। वह अपनी आगे की शिक्षा और करियर योजनाओं को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में हैं। परीक्षा परिणाम की घोषणा में हो रहे अत्यधिक विलंब के बाद भी परिणाम घोषित न होना, विश्वविधालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है तथा साथ ही साथ संस्थान की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित करता है।

1.महोदय को अवगत कराना है कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 के चतुर्थ बी.एच.एम.एस. परीक्षा में कुल 44 छात्र-छात्राएँ सम्मिलित हुए थे। विश्वविधालय द्वारा घोषित दिनांक 22/11/2024 एवं 07/01/2025 के परीक्षा परिणामों में केवल 42 छात्र-छात्राओं का ही परीक्षाफल संस्थान को प्राप्त हुआ है। शेष 02 छात्र-छात्राओं का परीक्षा परिणाम अधतन तिथि तक अप्राप्त है। अतः आपसे सादर अनुरोध है कि उक्त शेष 02 छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम को भी यथाशीघ्र घोषित करने की कृपा करेंगे, ताकि इन छात्रों का शैक्षणिक भविष्य सुनिश्चित हो सके तथा साथ ही साथ उक्त सत्रों के छात्र-छात्राओं की Marksheets एवं Passing Certificates भी उपलब्ध करवाने की अति कृपा करेंगे ।

2.शैक्षणिक सत्र 2022-23 की प्रथम बी.एच.एम.एस. की कक्षाओं का संचालन दिनाँक 03/04/2023 को हुआ था तथा नियमानुसार 18 माह के पश्चात दिनाँक 03/10/2024 को पूर्ण हो चुका है, एवं शैक्षणिक सत्र 2021-22 का परीक्षा फल दिनाँक 07/07/2023 को घोषित हुआ था द्वितीय BHMS की परीक्षा भी अपने निर्धारित समय से लगभग 24 माह से विलम्भ हो चुकी है। राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग,नई दिल्ली के नियमानुसार शैक्षणिक सत्र 2022-23 के 18 माह के अंतर्गत छात्रों की परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम घोषित होना था तथा शैक्षणिक सत्र 2021-22 के दितीय बी.एच.एम.एस. का भी 12 माह के अंतर्गत परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम घोषित होना था,किन्तु अधतन तिथि तक परीक्षा से सम्बंधित किसी भी प्रकार की जानकारी विश्वविघालय द्वारा संस्थान को प्राप्त नहीं हुई है। यह भी छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के लिए चिंता का विषय है और विश्वविधालय की शैक्षणिक व्यवस्था में व्याप्त अत्यधिक विलम्भ को दर्शाता है, जिसका गंभीर दुष्प्रभाव संस्थान के विभिन्न शैक्षणिक सत्रो के छात्र-छात्राओं पर भी पड़ रहा है।

3.संस्थान के इंटर्नशिप पूर्ण कर चुके छात्रों के विवरण को भी विश्वविद्यालय द्वारा आयुष पोर्टल,पर सत्यापित नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में आवश्यक जानकारी संस्थान द्वारा जनवरी एवं मार्च माह में ही प्रेषित की जा चुकी है। तथापि,इस अति महत्वपूर्ण कार्य में भी विलंब किया जा रहा है,जो संस्थान के इंटर्नशिप पूर्ण छात्रों के भविष्य के लिए एक गंभीर समस्या उत्पन्न कर रहा है। यह संज्ञान लेना अति आवश्यक है कि राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग अधिनियम,2020 के अंतर्गत इंटर्नशिप पूर्ण होने के पश्चात ही इन छात्रों की उपाधि विधिवत रूप से मान्य होती है,जिसके उपरांत ही संबंधित छात्र अपने-अपने राज्यों के चिकित्सा बोर्ड एवं परिषदों में स्थायी पंजीकरण कराकर अपनी चिकित्सा practice, AIAPGET में प्रतिभाग लेने तथा विभिन्न होम्योपैथी चिकित्सा से सम्बंधित पदो की भर्ती हेतु अथवा उच्चतर शिक्षा (एम०डी०) में प्रवेश प्राप्त करने के लिए पात्र होते हैं किन्तु विश्वविधालय द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से न लेने के कारण छात्रों की भविष्य की योजनाओं पर एक गहरा संकट मंडरा रहा है जिसका उत्तरदायी पूर्ण रूप से विश्वविधालय ही है।

4.महोदय को अवगत कराना है कि विभिन्न राज्यों के चिकित्सा बोडौं एवं परिषर्दा से प्राप्त सत्यापन अनुरोधों को भी विश्वविधालय द्वारा सत्यापित नहीं किया जा रहा है। यह स्थिति तब है, जबकि संबंधित छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय द्वारा विधिवत रूप से उपाधियाँ प्रदान की जा चुकी हैं। इस निष्क्रियता के कारण, विभिन्न सत्रों के छात्र-छात्राओं को अपने-अपने राज्यों के चिकित्सा बोर्डों एवं परिषदों में स्थायी पंजीकरण करवाने में बाधा उत्पन्न हो रही है। आपसे आग्रह है कि इस पर तत्काल ध्यान देते हुए आवश्यक सत्यापन प्रक्रिया को त्वरित गति प्रदान करने की कृपा करेंगे ताकि इन छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

उक्त के सम्बन्ध में संस्थान द्वारा पूर्व में कई बार ईमेल व मौखिक रूप से भी विश्वविधालय के सम्बंधित अधिकारी गण/पटल को भी अवगत कराया गया है,परंतु खेद का विषय है कि विश्वविघालय द्वारा कोई भी संतोषजनक कार्यवाही या उत्तर उपलब्ध नहीं कराया गया है।संस्थान प्रशासन व्यथित होकर यह उल्लेख करने के लिए बाध्य हैं कि यदि इन गंभीर शैक्षणिक सत्रो से सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के पूर्ण ना होने के कारण संस्थान के किसी भी छात्र-छात्राओं द्वारा भविष्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना संभावित होती है,तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविधालय प्रशासन/सम्बंधित अधिकारीगण/सम्बंधित पटल की होगी।

अतः महोदय से विनम्र अनुरोध है कि आप उपरोक्त सभी विभिन्न सत्रो के महत्वपूर्ण विषयो को तत्काल संज्ञान लेने की अति कृपा करेंगे तथा शैक्षणिक सत्र 2019-20 व 2018-19 (शेष छात्र-छात्राओं) के लंबित परीक्षा परिणाम को अविलंब घोषित करने तथा अन्य शैक्षणिक सत्रो की अविलंभ परीक्षा करवाने की अति कृपा करेंगे ताकि संस्थान के छात्र-छात्राओं के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके। संस्थान द्वारा विश्वविद्यालय से त्वरित और सकारात्मक कार्रवाई की अपेक्षा की जाती हैं । बहरहाल इस पूरे मामले को लेकर अब आयुष छात्र और निजी आयुष कॉलेज प्रबंधन हाई कोर्ट की शरण में है और अब देखना यह है कि हाई कोर्ट इस पूरे मामले में क्या निर्णय देता है ?